घडी का अविष्कार : आज हम समय के महत्व के बारे में बात करने वाले हैं, जिसे हम दैनिक जीवन में उपयोग में लाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि समय की घड़ी का अविष्कार किसने किया है? अगर नहीं, तो आप इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि घड़ी का अविष्कार किसने किया था और समय के महत्व की खोज का इतिहास क्या है।
2024 की दुनिया आज समाज में बदलाव के लिए बेहद मशहूर है। और तकनीकों की तरक्की का शेर्य भी सारा बदलते दुनिया के बदलते युग से होके गुजरता है। जिसमे सामने एहम भूमिका होती है वक़्त है। जिससे हम कभी रोक या पकड़ नहीं सकते।
गुजरते वक़्त के साथ साथ बहुत से चीज़े भी आगे बढ़ जाती है ,लेकिन कुछ ऐसा भी अविष्कार हुआ था जो मनो मिशाल सा बन गया था। जैसे वक़्त को हम देख सकते है ,घडी को हम अपने साथ खिन भी लेजा सकते है। और अपने समय को उपयोगी बना सकते है। नयी तकनीके चली परन्तु आज भी लोग घडी को अपनी कलाई से बांध के घूमते है।
बदलते समाज की व्यवस्ता के साथ साथ घडी का शॉक भी बदला नयी नयी और शौकीन घडियो का बाजार चल उड़ा। लेकिन समय सिमा वही रही वक़्त की एहम भूमिका आज भी है कल और हमेशा रहेगी भले ही घडी का fashion बदलता है। फैशन की सीमा में तो २०२2 अपनी के पहचान बना चूका है ,यह कहना भी गलत नहीं होगा की बीते युग की एक ही चीज़ स्तर रही है। वो है वक़्त।
आज हम इसी वक़्त की घडी के जुडी कुछ अहम बातो की वियाखा करंगे। आज हम आपको घडी का अविष्कार किसके द्वारा किया गया इस बारे में बातयेंगे।
घडी का अविष्कार किसने किया है |
जानिये घडी का अविष्कार किसने और कब किया है ?
आज हमारे जीवन में वक़्त की महत्वकांशा को जानते हुए लोगो को इसकी कीमत का अंदाज़ा होने लगा है। हमारे जीवन में वक़्त या समय ही एक ऐसी चीज़ है जिसका इस्तेमाल अगर सच्ची द्रण निष्कता से करोगे तो जीवन में खुद की एक महत्वपूर्ण जगह पा सकते है। घडी का अविष्कार पूर्ण किसने किया यह सवाल मन में आया तो होगा।
घडी जो वक़्त का अंदेशा देती है ,क्या आपने कभी सोचा है की इसका अविष्कार या इसको किसके दवरा बना गया होगा किसने वक़्त को घडी के इन चंद सुइयों में ढाल दिया ? यह ऐसे सवाल है ,जो कभी न कभी तो आपके मन में ज़रूर घर कर गए होंगे। तो आज हम जानते है ,की घडी को सबसे पहले किसके दवरा और कैसे बनाया गया।
घडी का अविष्कार किसके द्वारा किया गया ?
घडी का अविष्कार किसने किया है ? घडी को Peter Henlin के द्वारा आविष्कारित किया गया था। जो उस समय से सबसे परिजनक और अलग अविष्कारों में से एक था। इस अविष्कार के चलते। पीटर हेनलिन को सर्कार दवरा कई पुरुस्कारो के नवाज़ा गया था जो अपने आप में एक विशेष उत्पति है। घडी का अविष्कार पूर्ण तब माना गया जब 1505 में क्लॉक वाच का अविष्कार हुआ।
इसके बाद 1577 में स्विटरज़लैंड के जॉस बार्गी ने मिनट की सुई वाली घडी का अविष्कार किया जो खुद ही एक बड़ी मिसाल है और इससे आप सभी लोग पूरी तरह वाकिफ होंगे ही। घडी के विभिन प्रकार के उपयोग है ,जो अलग अलग प्रकार के अविष्कारों की श्रेड़ी में शामिल है। जिसके जानकारी आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मिलते रहेंगे। घडी के अविष्कार का शेर्य पॉप सिल्वेस्टर दिवट्या को भी उतना ही जाता है।
पॉप सिल्वेस्टर ने 996 में एक ऐसा यंत्र बनाया था ,जिससे उस समय, समय का सही अंदाज़ा लगाया जा सकता था। इसे पहले लोग उगते और ढलते सूरज को देखके समय का अंदाज़ा लगया जाता था।
2024 में घडी के विभिन प्रकार
घडी के अविष्कार के बाद से जैसा की आप सब लोग जानते ही होंगे की दीवाल घडी से लेकर Wrest Watch तक घडी का आवेदन रहा है घडी का कलाई से दीवार तक जुड़ा मानो फैशन और आजकल की जरूरत भी है।
पॉकेट वाच जो एक ज़माने में लोगो के जेबो में रहा करती थी ,और इनका अविष्कार 1650 में हुआ था। इससे दौरान 1988 में पहली लेंकिस वाच का अविष्कार किया।
1288 इंग्लैंड England के गंटाघरो में घडिया लगाने लगी थी ,जो समय की प्रधानता को दर्शाती है ,और इसका सबसे महत्वपूर्ण श्र्य मशहूर वैज्ञानिक बिलज पास्कल को जाता है। जिन्होंने सबसे पहले रस्सी बांध के घडी को अपनी कलाई पे बंदना शुरू किया था। और इनके दवरा कैलकुलेटर का अविष्कार भी किया था।
डिजिटल फ़ोन (Digital India ) के ज़माने में घडी क्यों आवश्यक है ?
घडी का कलाई से जुड़ा होना मनो पल पल वक़्त की कीमत का अंदाज़ा लगाने जैसा हो जाता है। अब तो घडी को कपड़ो के रंग के मैच करके फैशन का जरिया भी बना दिए गया है। जिस कलर के कपडे उस कलर की WATCH यानि घडी।
आजकल लोगो की भागा दौड़ी वाली ज़िन्दगी मनो फस्स से गई है। लोगो के पास खुद के लिए फुर्सत के दो पल निकलना मनो मुश्किल सा होता जा रहा है। पहले वक़्त का अंदाज़ा मौसम और सूरज को देख के लगाया जाता था। पर अब वक़्त बहता जा रहा है और फुर्सत खोती जा रही है।
आजकल दुनिया में कोई एक ही व्यक्ति होगा जसके पास मोबाइल फ़ोन न हो वरना गौरतलब लगभग सबके पास फ़ोन होने लाज़मी है। और लोगो की ज़रूत भी फिर भी घडी का जिस्म से जुड़ा होना एक अलग ही भाव प्रकट करता है। घडी की भूमिका आये दिन नए नए उद्योगों की सामंता के मुकाबले बढ़ती जा रही है। घडी का के अलग ही योग है आजकल तो Digital Watch चलने लगी है ऐसे घडी जो आपको हर तरह की जानकारी के साथ ही वक़्त भी बताती है ,जिससे आप एक छोटा मोटा फ़ोन मान सकते है।
स्मार्ट वाच (Smart Watch ) और स्मार्ट फ़ोन (Smart Phone )
घडी का अविष्कार किसने किया है यह तो आपको पता ही चल चूका है अब स्मार्ट वाच मानो या मानो एक छोटा स्मार्ट फ़ोन की भूमिका निभाती है। वाच का फैशन तो अब हरतरह का हो चूका है। आपको हर तरह के चीज़ो की वाच मिल जाती है ,leather पट्टे वाली ब्लैक बेल्ट वाली कंप्यूटर वाली ,वाच जिनमे कंप्यूटर से लेके कैलकुलेटर की सुविधा तक मौजूद होती है। जो स्मार्ट फ़ोन को पूरी पूरी टक्कर देने लग पड़ी है।
फ़ोन की भूमिका आजकल के लोगो के जीवन का एहम आधार बन चूका है। फ़ोन तो आजकल के युथ के जीवन का एक एहम हिस्सा है उनकी हर छोटी से बड़ी बातें फ़ोन और डिजिटल तकनीकों के जुडी होती है। स्मार्ट वाच का नई ट्रेडिशन आजकल जोरो शोरो पर है।
क्लॉक वाच vs हैंड वाच
क्लॉक वाच का main उपयोग घर में एक दीवार पेलगे रहने में ज्यादा शोभा देता है ,जिससे हम वक़्त को देख सकते है ,और अपने कामो को प्राग़सित कर सकते है। हर घर में एक घडी तो होती ही है। जो दुनिया के हर घर की सोभा और सबसे एहम हिस्सा माना जाता है। घडी का घर में होना ,सुभ चीज़ो का अंदेसा है।
वही हैंड वाच को हम ज़्यदातर fashion के नजरिये से ज़्यदा use करते है इसका बंद कपड़ो के कलर से मैच करेगा की नहीं हमारे कपड़ो को घडी सूट करेंगे की नहीं ,इस सवालों के साथ घडी के भूमिका हैंड वाच के आद्यात्मिक चलते रहती है। घडी का अविष्कार किसने किया है
परन्तु दोनों की उपयोगो में वाच की importance समान ही रहती है ,क्यूंकि दोनों की रूपों में इसका प्रयोग उतना ही ज़रूरी है। घडी का जितना प्रयोग घर में होता है उतना ही हम इसको बहार की दुनिया में भी ज़रूरी पाते है।
घडी के कुछ एहम प्रकार :
- हैंड वाच Hand Watch
- क्लॉक वाच Clock Watch
- पेंडलूम वाच
- यांत्रिक वाच
- डिजिटल वाच
FAQ ( Frequently Asked Question)
दुनिया की सबसे पहली घड़ी कौन सी है?
दुनिया की सबसे पहले घड़ी 1505 / (PHN1505 of 1505 1505 या पोमंदर वॉच) है।
पैंडुलम घडी का अविष्कार सर्व प्रथम कब और किसके दवरा किया गया था ?
पेंडुलम वाली घडी का अविष्कार सन 1656 में निथरलैंड के करिष्यं ने किया था।
यांत्रिक घडी का अविष्कार किसने और कब किया था ?
यांत्रिक घडी का अविष्कार 1725 में चीन के आई सींग व लियोन ने किया था।
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Conclusion
मुझे आशा है की आपने इस आर्टिकल को पूरा पड़ा होगा और आपने लिए घडी से जुडी हर प्रकार की जानकारी प्राप्त की होगी जो की आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी है। घडी का अविष्कार किसने किया है और उससे जुडी कई निम्नलिखत बातें आपको प्राप्त हुए होगी। जो आपके जीवन में अहम भूमिका का अंदेसा देगी जो आने वाले जीवन में उपयोगी साबित हो सकता है।
घडी जो दुनिया के हर घरमे पाई जाती है और इसको घर की शोभा भी माना जाता है। घर में घडी का न होना मानो हर प्रकार की कमी ,इसलिए घडी को सबसे इम्पोटेंट सदस्य माना जाता है।